कोरोना वायरस रिसर्च: गर्भवती महिलाओं से बच्चों को मिल सकती है एंटीबॉडी

कोरोना वायरस रिसर्च: गर्भवती महिलाओं से बच्चों को मिल सकती है एंटीबॉडी

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस हर वर्ग के लिए नुकसानदायक है। ये सभी को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को संक्रमित कर सकती है या नहीं। इसका जवाब शुरू से ही ढुढ़ा जा रहा था लेकिन अभी तक इसका जवाब मिल नहीं पाया था। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसका जवाब ढुढ़ लिया है। बीते शुक्रवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन के मुताबिक, शोध में पाया गया कि गर्भवती महिलाओं ने अपने बच्चे को गर्भाशय में संक्रमित नहीं किया। इसके अलावा शोध में यह भी पाया गया कि कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के शरीर में वायरस के खिलाफ जो एंटीबॉडी बनी थी, उसे अपने अजन्मे बच्चे को भी प्लेसेंटा (गर्भनाल) के माध्यम से ट्रांसफर (स्थानांतरित) करने में सक्षम थीं, भले ही उस समय उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखते हों।

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इस शोध को अमेरिका के जामा पेडियाट्रिक्स नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन से पता चला कि जब मां कोरोना वायरस से संक्रमित हुई और जब नवजात का जन्म हुआ, तो मां के शरीर से बच्चे के शरीर में अधिक से अधिक मात्रा में एंटीबॉडी स्थानांतरित हो गए। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन से गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना के टीके के परीक्षण में मदद मिल सकती है। 

अध्ययन के लिए, अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच पेंसिल्वेनिया अस्पताल में डिलीवरी कराने वाली कुल 1,714 महिलाओं में से 1,471 माताओं और उनके बच्चों के रक्त के नमूने लिए गए, ताकि एंटीबॉडी की जांच की जा सके। इसमें छह फीसदी से भी कम यानी कुल 1,471 महिलाओं में से सिर्फ 83 में ही एंटीबॉडी पाई गईं और इन 83 संक्रमित महिलाओं में से 50 या 60 फीसदी में कभी कोई लक्षण दिखा ही नहीं। इस दौरान संक्रमित होने वाली माताओं के गर्भ से पैदा हुए 83 बच्चों में से 72 के गर्भनाल रक्त में एंटीबॉडी पाई गई।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस अध्ययन से यह पता चला है कि कैसे कोविड-19 से संक्रमित रह चुकीं गर्भवती महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शिशुओं की रक्षा करने में भी मदद कर सकती है। हालांकि शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि इस अध्ययन के लिए नमूने सिर्फ एक ही अस्पताल से लिए गए थे। फिलहाल इसपर और अधिक शोध की जरूरत है।

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